16 वे आदमी कुड़कुड़ाते हैं+ और अपने हालात को कोसते हैं। वे अपनी इच्छाओं के मुताबिक चलते हैं+ और अपने मुँह से बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं और अपने फायदे के लिए दूसरों की चापलूसी करते हैं।*+
16 वे आदमी कुड़कुड़ाते हैं+ और अपने हालात को कोसते हैं। वे अपनी इच्छाओं के मुताबिक चलते हैं+ और अपने मुँह से बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं और अपने फायदे के लिए दूसरों की चापलूसी करते हैं।*+