17 तू कहता है, “मैं अमीर हूँ+ और मैंने बहुत दौलत हासिल की है और मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं,” मगर तू नहीं जानता कि तू कितना लाचार, बेहाल, गरीब, अंधा और नंगा है।
17 तू कहता है, “मैं अमीर हूँ+ और मैंने बहुत दौलत हासिल की है और मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं,” मगर तू नहीं जानता कि तू कितना लाचार, बेहाल, गरीब, अंधा और नंगा है।