10 और यह भीड़ ज़ोरदार आवाज़ में बार-बार पुकारकर कहती है, “हम अपने उद्धार के लिए अपने परमेश्वर का जो राजगद्दी पर बैठा है+ और मेम्ने+ का एहसान मानते हैं।”
10 और यह भीड़ ज़ोरदार आवाज़ में बार-बार पुकारकर कहती है, “हम अपने उद्धार के लिए अपने परमेश्वर का जो राजगद्दी पर बैठा है+ और मेम्ने+ का एहसान मानते हैं।”