20 मगर बाकी लोग जो इन तीनों कहर से नहीं मारे गए थे, उन्होंने अपने कामों से पश्चाताप नहीं किया और दुष्ट स्वर्गदूतों और सोने-चाँदी, ताँबे, पत्थर और लकड़ी की मूरतों को पूजना नहीं छोड़ा जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं और न चल सकती हैं।+
20 मगर बाकी लोग जो इन तीनों कहर से नहीं मारे गए थे, उन्होंने अपने कामों से पश्चाताप नहीं किया और दुष्ट स्वर्गदूतों और सोने-चाँदी, ताँबे, पत्थर और लकड़ी की मूरतों को पूजना नहीं छोड़ा जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं और न चल सकती हैं।+