15 “देख! मैं एक चोर की तरह आ रहा हूँ।+ सुखी है वह जो जागता रहता है+ और अपने कपड़ों की चौकसी करता है ताकि वह नंगा न फिरे और लोग उसकी शर्मनाक हालत न देखें।”+
15 “देख! मैं एक चोर की तरह आ रहा हूँ।+ सुखी है वह जो जागता रहता है+ और अपने कपड़ों की चौकसी करता है ताकि वह नंगा न फिरे और लोग उसकी शर्मनाक हालत न देखें।”+