34 जितने समय तक तुम दुश्मनों के देश में रहोगे और तुम्हारा देश सुनसान पड़ा रहेगा, उतने समय तक देश उन सारे सब्तों का कर्ज़ चुकाएगा जो उसने तब तक नहीं मनाए होंगे। उस दौरान देश को विश्राम मिलेगा क्योंकि उसे वे सारे सब्त मनाने होंगे जो उसने तब तक नहीं मनाए।+