33 एक आदमी को यह नहीं देखना चाहिए कि उसके दसवें हिस्से के जानवर अच्छे हैं या नहीं, और न ही उनके बदले दूसरे जानवर देने चाहिए। अगर वह कभी एक जानवर के बदले दूसरा जानवर देता है तो उसका पहला और दूसरा जानवर दोनों परमेश्वर के हो जाएँगे और पवित्र ठहरेंगे।+ उन्हें वापस नहीं खरीदा जा सकता।’”