14 हीराम की माँ नप्ताली गोत्र से थी और एक विधवा थी। हीराम का पिता सोर का रहनेवाला था और ताँबे का काम करता था।+ हीराम को ताँबे के हर तरह के काम की अच्छी समझ थी और काफी तजुरबा था।+ उसे इस काम में महारत हासिल थी। इसलिए वह राजा सुलैमान के पास आया और उसका सारा काम किया।