5 दाविद ने कहा, “मेरा बेटा सुलैमान अभी लड़का ही है और उसे कोई तजुरबा नहीं है+ और यहोवा के लिए ऐसा भवन बनाया जाना है जो इतना आलीशान और सुंदर हो कि पूरी दुनिया में उसकी शान के चर्चे हों।+ इसलिए सुलैमान की खातिर मैं भवन बनाने की तैयारियाँ करूँगा।” दाविद ने अपनी मौत से पहले ढेर सारा सामान इकट्ठा किया।