2 वह अपने भाइयों और सामरिया की सेना के सामने कहने लगा, “ये कमज़ोर यहूदी क्या कर रहे हैं? क्या वे अपने दम पर शहरपनाह खड़ी कर लेंगे? और बलिदान चढ़ाएँगे? क्या उनका काम एक ही दिन में पूरा हो जाएगा? कहाँ से लाएँगे पत्थर, क्या मलबे में पड़े जले पत्थर लगाएँगे दीवारों में?”+