यशायाह 25:4 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल) 4 जब ज़ालिमों का कहर ऐसे टूट पड़ता है,जैसे दीवार पर तेज़ बौछार पड़ती है,तब तू दीन-दुखियों का मज़बूत गढ़ ठहरता है,+मुसीबत की घड़ी में गरीबों का मज़बूत गढ़ बनता है। तू आँधी-तूफान में पनाह है,चिलचिलाती धूप में छाँव है।+ यशायाह यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण 25:4 प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),1/2019, पेज 6-7 प्रहरीदुर्ग,3/1/2001, पेज 15-168/1/1988, पेज 15 यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 272-273
4 जब ज़ालिमों का कहर ऐसे टूट पड़ता है,जैसे दीवार पर तेज़ बौछार पड़ती है,तब तू दीन-दुखियों का मज़बूत गढ़ ठहरता है,+मुसीबत की घड़ी में गरीबों का मज़बूत गढ़ बनता है। तू आँधी-तूफान में पनाह है,चिलचिलाती धूप में छाँव है।+ यशायाह यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण 25:4 प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),1/2019, पेज 6-7 प्रहरीदुर्ग,3/1/2001, पेज 15-168/1/1988, पेज 15 यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 272-273
25:4 प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),1/2019, पेज 6-7 प्रहरीदुर्ग,3/1/2001, पेज 15-168/1/1988, पेज 15 यशायाह की भविष्यवाणी-I, पेज 272-273