17 उसने लोगों को सिखाया और उनसे कहा, “क्या यह नहीं लिखा है, ‘मेरा घर सब राष्ट्रों के लिए प्रार्थना का घर कहलाएगा’?+ मगर तुम लोगों ने इसे लुटेरों का अड्डा बना दिया है।”+
17 मगर वह उन्हें सिखाता और यह कहता रहा: “क्या यह नहीं लिखा है कि ‘मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलाएगा’? मगर तुम लोगों ने इसे लुटेरों का अड्डा* बना दिया है।”