66 जब दिन निकल आया तो लोगों के मुखियाओं की सभा इकट्ठा हुई, जिसमें प्रधान याजक और शास्त्री भी थे।+ वे उसे अपनी महासभा के भवन में ले गए और उससे पूछने लगे,
66 जब दिन निकल आया तो लोगों के बुज़ुर्गों की सभा इकट्ठी हुई, जिसमें प्रधान याजक और शास्त्री भी थे, और वे उसे अपनी महासभा* के भवन में ले गए और उससे पूछा: