2 और उससे दमिश्क शहर के सभा-घरों के नाम चिट्ठियाँ माँगीं ताकि ‘प्रभु की राह’ पर चलनेवाला जो भी मिले, चाहे आदमी हो या औरत, उन्हें गिरफ्तार करके* यरूशलेम ले आए।+
2 और उससे दमिश्क शहर के सभा-घरों के नाम चिट्ठियाँ माँगीं ताकि प्रभु के मार्ग पर चलनेवाला जो भी मिले, चाहे स्त्री हो या पुरुष, उन्हें गिरफ्तार कर* यरूशलेम ले आए।