14 तब हम सब ज़मीन पर गिर पड़े और मैंने एक आवाज़ सुनी जो मुझसे इब्रानी भाषा में कह रही थी, ‘शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है? इस तरह विरोध करके* तू अपने लिए मुश्किल पैदा कर रहा है।’
14 और जब हम सब ज़मीन पर गिर पड़े, तो मैंने इब्रानी भाषा में एक आवाज़ को मुझसे यह कहते सुना, ‘शाऊल, शाऊल, तू क्यों मुझ पर ज़ुल्म कर रहा है? इस तरह विरोध कर* तू अपने लिए मुश्किल पैदा कर रहा है।’