16 दूसरों के बारे में वैसा ही नज़रिया रखो जैसा तुम खुद के बारे में रखते हो। बड़ी-बड़ी बातों के बारे में मत सोचो,* बल्कि जिन बातों को छोटा और मामूली समझा जाता है उनमें लगे रहो।+ खुद को बड़ा बुद्धिमान मत समझो।+
16 दूसरों के लिए उसी तरह महसूस करो जैसा तुम खुद के लिए करते हो। बड़ी-बड़ी बातों पर मन न लगाओ, बल्कि जिन बातों* को दीन-हीन और छोटा समझा जाता है, उनसे लगाव रखते हुए उनके साथ लगे रहो। अपनी ही नज़र में खुद को बड़ा समझदार न समझो।