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2 कुरिंथियों 11:26नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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26 मैं बार-बार सफर में, नदियों के खतरों में, डाकुओं के खतरों में, अपनी ही जाति के लोगों से खतरों में, दूसरी जाति के लोगों से खतरों में, शहर के खतरों में, वीराने के खतरों में, समंदर के खतरों में, झूठे भाइयों के बीच रहने के खतरों में रहा हूँ।
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