16 और यातना के काठ*+ के ज़रिए उन दोनों किस्म के लोगों को एक शरीर बनाए और परमेश्वर के साथ उनकी पूरी तरह सुलह कराए, क्योंकि उसने अपना बलिदान देकर इस दुश्मनी को खत्म कर दिया।+
16 और वह इन दोनों किस्म के लोगों को एक शरीर बनाकर यातना की सूली* के ज़रिए परमेश्वर के साथ इनकी पूरी तरह सुलह करा सके, क्योंकि उसने खुद अपने ज़रिए इस दुश्मनी को खत्म कर दिया।