18 इसलिए कि ऐसे कई हैं जिनका मैं पहले अकसर ज़िक्र किया करता था लेकिन अब उनका ज़िक्र करते वक्त मेरी आँखों में आँसू आ जाते हैं, क्योंकि वे मसीह के यातना के काठ* के दुश्मन बन गए हैं।
18 इसलिए कि ऐसे कई हैं जिनका मैं पहले अकसर ज़िक्र किया करता था लेकिन अब आँसुओं के साथ ज़िक्र करता हूँ, क्योंकि वे मसीह की यातना की सूली* के दुश्मन बन गए हैं।