-
प्रकाशितवाक्य 18:7नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
-
-
7 उसने जिस हद तक अपनी शानो-शौकत बढ़ायी और वह जैसी शर्मनाक ऐयाशी में रही, उसी हद तक उसे पीड़ा और मातम दो। क्योंकि वह अपने दिल में कहती है, ‘मैं तो रानी बन बैठी हूँ, मैं विधवा नहीं हूँ और मैं कभी मातम नहीं देखूँगी।’
-