4 दूसरे दिन सुबह तड़के उठने पर उन्होंने देखा कि दागोन की मूरत फिर से यहोवा के संदूक के सामने मुँह के बल ज़मीन पर गिरी पड़ी है। मूरत का सिर और उसकी दोनों हथेलियाँ कटी हुई हैं और मंदिर की दहलीज़ पर पड़ी हैं। सिर्फ उसका धड़, जो मछली जैसा दिखता था, साबुत बचा हुआ था।