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2 शमूएल 15:4पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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4 अबशालोम कहता, “काश! मुझे इस देश का न्यायी ठहराया जाता। फिर जिसकी भी कोई शिकायत होती या कोई मामला होता, वह मेरे पास आ सकता और मैं उसे ज़रूर इंसाफ दिलाता।”
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