2 शमूएल 15:30 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 30 फिर दाविद जैतून पहाड़*+ चढ़ने लगा। वह अपना सिर ढाँपे और रोते हुए नंगे पाँव चल रहा था। उसके साथ जितने लोग थे वे भी अपना सिर ढाँपे हुए थे और रोते हुए चढ़ रहे थे।
30 फिर दाविद जैतून पहाड़*+ चढ़ने लगा। वह अपना सिर ढाँपे और रोते हुए नंगे पाँव चल रहा था। उसके साथ जितने लोग थे वे भी अपना सिर ढाँपे हुए थे और रोते हुए चढ़ रहे थे।