4 चाहे हम यहाँ बैठे रहें या शहर के अंदर जाएँ, हमारी मौत तय है क्योंकि वहाँ अकाल पड़ा है।+ इसलिए क्यों न हम सीरिया के लोगों की छावनी में चले जाएँ? अगर उन्होंने हमें ज़िंदा छोड़ दिया तो अच्छी बात है। लेकिन अगर उन्होंने हमें मार डाला तो भी कोई बात नहीं, मरना तो है ही।”