17 तब दाविद बाहर उनके पास आया और उनसे कहा, “अगर तुम शांति के इरादे से मेरी मदद करने आए हो तो मेरा दिल तुम्हारे साथ एक होगा। लेकिन अगर तुम मुझे धोखा देकर दुश्मनों के हवाले करने आए हो जबकि मैंने कोई गलती नहीं की है, तो हमारे पुरखों का परमेश्वर देखे और न्याय करे।”+