31 सब्त के मौकों पर,+ नए चाँद के मौकों पर+ और साल के अलग-अलग त्योहारों में+ जब भी यहोवा को होम-बलियाँ चढ़ायी जातीं तो वे मदद करते थे। उनके बारे में दिए गए नियम के मुताबिक जितने लोगों की माँग की गयी थी, उतने लोग यहोवा के सामने नियमित तौर पर सेवा करते थे।