2 राजा दाविद खड़ा हुआ और उसने कहा,
“मेरे भाइयो और मेरे लोगो, मेरी सुनो। मेरी दिली तमन्ना थी कि मैं एक ऐसा भवन बनाऊँ जो यहोवा के करार के संदूक के लिए विश्राम की जगह हो और हमारे परमेश्वर के लिए पाँवों की चौकी हो।+ मैंने उसे बनाने की तैयारियाँ भी की थीं।+