2 इतिहास 6:30 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 30 तो तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी सुनना+ और उन्हें माफ करना।+ तू उनमें से हरेक को उसके कामों के हिसाब से फल देना क्योंकि तू हरेक का दिल जानता है (सिर्फ तू ही सही मायनों में जानता है कि इंसान का दिल कैसा है)।+ 2 इतिहास यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण 6:30 प्रहरीदुर्ग,4/1/2011, पेज 193/15/2008, पेज 12-131/1/2004, पेज 32
30 तो तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी सुनना+ और उन्हें माफ करना।+ तू उनमें से हरेक को उसके कामों के हिसाब से फल देना क्योंकि तू हरेक का दिल जानता है (सिर्फ तू ही सही मायनों में जानता है कि इंसान का दिल कैसा है)।+