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यशायाह 41:28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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28 मैंने इधर-उधर देखा मगर वहाँ कोई न था,
एक भी नहीं जो सलाह दे सके,
बार-बार पूछने पर भी मुझे कोई जवाब नहीं मिला।
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28 मैंने इधर-उधर देखा मगर वहाँ कोई न था,
एक भी नहीं जो सलाह दे सके,
बार-बार पूछने पर भी मुझे कोई जवाब नहीं मिला।