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मत्ती 2:11नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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11 जब वे उस घर के अंदर गए, तो बच्चे को उसकी माँ मरियम के साथ देखा। उन्होंने बच्चे के आगे गिरकर उसे प्रणाम किया। साथ ही, उन्होंने अपना-अपना खज़ाना खोलकर उसे सोना, लोबान और गंधरस तोहफे में दिए।
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दुनिया के लिए सच्ची रौशनीयीशु की ज़िंदगी—एक अनोखी दास्तान—वीडियो गाइड
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ज्योतिषी आते हैं; हेरोदेस की साज़िश (यीशु की ज़िंदगी 1 50:25–55:52)
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 2पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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घर: इस शब्द से पता चलता है कि ज्योतिषी यीशु से उस वक्त मिलने नहीं आए जब उसका जन्म हुआ और उसे चरनी में रखा गया था।
बच्चे: यीशु को यहाँ “शिशु” नहीं कहा गया है, जैसे लूक 2:12, 16 में कहा गया है।
दंडवत किया: या ‘झुककर प्रणाम किया।’ अकसर इन शब्दों का मतलब होता है किसी इंसान का, जैसे राजा का आदर करना न कि उसकी उपासना करना।—मत 2:2; 18:26 के अध्ययन नोट देखें।
तोहफे: यीशु के जन्म के 40 दिन बाद जब यूसुफ और मरियम उसे मंदिर ले गए (लूक 2:22-24; लैव 12:6-8), तब वे गरीब थे। इससे पता चलता है कि ये तोहफे उन्हें इस घटना के बाद मिले थे। उन्हें ये तोहफे शायद सही वक्त पर मिले थे क्योंकि मिस्र में रहते वक्त ये उनके गुज़ारे के काम आए होंगे।
लोबान: शब्दावली देखें।
गंधरस: शब्दावली देखें।
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