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मत्ती 5:5नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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5 सुखी हैं वे जो कोमल स्वभाव के हैं, क्योंकि वे धरती के वारिस होंगे।
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 5पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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कोमल स्वभाव: ऐसा स्वभाव उन लोगों का होता है जो परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने और उसके मार्गदर्शन पर चलने के लिए तैयार रहते हैं और दूसरों पर धौंस जमाने की कोशिश नहीं करते। कोमल स्वभाव के लिए जो यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है, उसका मतलब बुज़दिल या कमज़ोर होना नहीं है। सेप्टुआजेंट में ये शब्द उस इब्रानी शब्द के लिए इस्तेमाल हुए हैं जिसका अनुवाद “दीन” या “नम्र” किया गया है। यह शब्द मूसा (गि 12:3) और मसीहा के लिए (जक 9:9; मत 21:5), साथ ही उन लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है जो सीखने के लिए तैयार रहते हैं (भज 25:9) और जो धरती के वारिस होंगे (भज 37:11)। यीशु ने खुद के बारे में कहा कि वह कोमल स्वभाव का या दीन है।—मत 11:29.
धरती के वारिस: ज़ाहिर है कि यीशु भज 37:11 की बात कर रहा था, जहाँ लिखा है कि “दीन लोग धरती के वारिस होंगे।” “धरती” के लिए इब्रानी शब्द ईरेट्स और यूनानी शब्द गे, दोनों का मतलब पूरी पृथ्वी या इसका कोई एक इलाका हो सकता है, जैसे वादा किया गया देश। बाइबल बताती है कि कोमल स्वभाव का सबसे बढ़िया उदाहरण यीशु मसीह है। (मत 11:29) इसलिए वह धरती का वारिस होगा। कैसे? बाइबल की कई आयतें दिखाती हैं कि राजा होने के नाते उसका अधिकार पूरी धरती पर होगा, न कि एक हिस्से पर। (भज 2:8; प्रक 11:15) यीशु के अभिषिक्त चेले उसकी विरासत में हिस्सेदार होंगे। (प्रक 5:10) इसके अलावा, कोमल स्वभाववाले उसके जो चेले राज की प्रजा बनेंगे, वे भी धरती के वारिस होंगे। उन्हें धरती पर अधिकार नहीं दिया जाएगा बल्कि वे इस पर फिरदौस में खुशी से जीएँगे।—मत 25:34 का अध्ययन नोट देखें।
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