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  • मत्ती 6:27
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 27 तुममें ऐसा कौन है जो चिंता करके एक पल के लिए भी* अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके?+

  • मत्ती 6:27
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 27 तुममें ऐसा कौन है जो चिंता कर एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके?* 

  • मत्ती
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 6:27

      प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

      7/2016, पेज 10

      प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

      अंक 2 2016, पेज 12

      प्रहरीदुर्ग,

      4/15/2010, पेज 14-15

      11/1/2005, पेज 22

      11/1/1991, पेज 19

  • मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 6
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 6:27

      एक पल के लिए भी: शा., “एक हाथ भी।” यीशु ने यहाँ जो शब्द इस्तेमाल किया वह कम दूरी का माप बताने के लिए इस्तेमाल होता था, यानी करीब 44.5 सें.मी. (17.5 इंच)।​—शब्दावली में “हाथ” और अति. ख14 देखें।

      एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके: शा., “एक हाथ भी अपनी उम्र बढ़ा सके।” इन शब्दों से पता चलता है कि यीशु शायद यह कह रहा था कि ज़िंदगी एक सफर की तरह है। इसलिए चिंता करके एक इंसान अपने इस सफर की दूरी एक हाथ (अति. ख14 देखें) भी बढ़ा नहीं सकता।

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