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  • मत्ती 24:15
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 15 इसलिए जब तुम्हें वह उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़, जिसके बारे में भविष्यवक्‍ता दानियेल ने बताया था, पवित्र जगह में खड़ी नज़र आए+ (पढ़नेवाला समझ इस्तेमाल करे),

  • मत्ती 24:15
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 15 इसलिए, जब तुम्हें वह उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़, जिसके बारे में दानिय्येल भविष्यवक्‍ता के ज़रिए बताया गया था, एक पवित्र जगह में खड़ी नज़र आए (पढ़नेवाला समझ इस्तेमाल करे,) 

  • मत्ती
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 24:15

      यीशु—राह, पेज 258

      प्रहरीदुर्ग,

      7/15/2013, पेज 4-5

      4/15/2012, पेज 25-26

      5/15/2009, पेज 9, 13

      8/15/1999, पेज 29

      5/1/1999, पेज 14-18

      8/15/1996, पेज 16-17

      6/1/1996, पेज 14-19

      2/1/1994, पेज 20-21

  • मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 24
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 24:15

      वह उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़: दानियेल ने भविष्यवाणी की थी कि “घिनौनी चीज़ (या चीज़ें)” उजाड़नेवाली साबित होंगी। (दान 9:27; 11:31; 12:11) यीशु की बातों से पता चलता है कि वह उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़ उसके दिनों में नहीं आयी थी बल्कि आगे चलकर आनेवाली थी। उसकी मौत के 33 साल बाद इस भविष्यवाणी की पहली पूर्ति हुई। तब मसीहियों को एक घिनौनी चीज़ पवित्र जगह में खड़ी नज़र आयी। इसी बारे में लूक 21:20 में बताया है, “जब तुम यरूशलेम को फौजों से घिरा हुआ देखो, तो जान लेना कि उसके उजड़ने का समय पास आ गया है।” ईसवी सन्‌ 66 में रोमी सेना ने “पवित्र शहर” यरूशलेम को घेर लिया। इस शहर को यहूदी पवित्र मानते थे और यहीं से कुछ यहूदी, रोम के खिलाफ बगावत भड़का रहे थे। (मत 4:5; 27:53) जब रोमी सेना अपने झंडे लेकर आयी जिन्हें वे पूजते थे, तो मसीही समझ गए कि यही वह “घिनौनी चीज़” है और यह इशारा मिलते ही उन्होंने “पहाड़ों की तरफ भागना शुरू” किया। (मत 24:15, 16; लूक 19:43, 44; 21:20-22) उनके भागने के बाद रोमी सेना ने शहर और करीब-करीब पूरे इसराएल राष्ट्र को तबाह कर दिया। ईसवी सन्‌ 70 में यरूशलेम शहर को खाक में मिला दिया गया और ईसवी सन्‌ 73 में रोमियों ने मसाडा को, जो कि यहूदियों का आखिरी गढ़ था, अपने कब्ज़े में कर लिया। (दान 9:25-27 से तुलना करें।) भविष्यवाणी की पहली पूर्ति में एक-एक बात सच साबित हुई। इससे हमें पक्का यकीन होता है कि इस भविष्यवाणी की हरेक बात बड़े पैमाने पर भी पूरी होगी। इसके आखिर में यीशु “शक्‍ति और बड़ी महिमा के साथ आकाश के बादलों” पर आएगा। (मत 24:30) यीशु ने कहा था कि दानियेल की भविष्यवाणी आगे चलकर पूरी होगी, पर कुछ लोगों का मानना है कि दानियेल की भविष्यवाणी यीशु के जन्म से पहले ही पूरी हो गयी थी। वे यहूदी परंपरा को सच मानते हुए कहते हैं कि ईसा पूर्व 168 में जब सीरिया के राजा एन्टियोकस IV (इपिफनीस) ने यरूशलेम के मंदिर को दूषित किया, तब यह भविष्यवाणी पूरी हो गयी थी। एन्टियोकस ने यहोवा की उपासना को मिटाने की कोशिश की। उसने तो यहोवा की बड़ी वेदी के ऊपर दूसरी वेदी बनायी और उस पर ओलंपस के देवता ज़्यूस के लिए सूअरों की बलि चढ़ायी। (यूह 10:22 का अध्ययन नोट देखें।) मक्काबियों की पहली किताब (इस बात का कोई सबूत नहीं मिलता कि यह किताब बाइबल का हिस्सा है) में कुछ ऐसे शब्द पाए गए हैं जो दानियेल की किताब से मिलते-जुलते हैं, जैसे इसमें घिनौनी चीज़ों को उजाड़नेवाली कहा गया है। मक्काबियों की पहली किताब (1:54) में बताया है कि दानियेल की भविष्यवाणी ईसा पूर्व 168 में पूरी हुई। लेकिन यह ब्यौरा और यहूदी परंपरा इंसानों की तरफ से हैं, न कि परमेश्‍वर की प्रेरणा से। यह बात सच है कि एन्टियोकस ने मंदिर को दूषित करके घिनौना काम किया, लेकिन इससे यरूशलेम, उसका मंदिर और यहूदी राष्ट्र उजड़ नहीं गया।

      पवित्र जगह: जब यह भविष्यवाणी पहली बार पूरी हुई तो “पवित्र जगह” का मतलब था, यरूशलेम और उसका मंदिर।​—मत 4:5 का अध्ययन नोट देखें।

      (पढ़नेवाला समझ इस्तेमाल करे): पढ़नेवाले को परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन करते वक्‍त हमेशा ही समझ इस्तेमाल करनी चाहिए। ऐसा मालूम होता है कि दानियेल की इस भविष्यवाणी की पूर्ति को समझने के लिए पढ़नेवाले को और भी ध्यान देना चाहिए। यीशु अपने सुननेवालों का ध्यान खींच रहा था क्योंकि यह भविष्यवाणी आगे चलकर पूरी होनेवाली थी, न कि उसके दिनों से पहले पूरी हो चुकी थी।​—इस आयत में वह उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़ पर अध्ययन नोट देखें।

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