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मत्ती 24:35नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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35 आकाश और पृथ्वी मिट जाएँगे, मगर मेरे शब्द किसी भी हाल में न मिटेंगे।
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 24पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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आकाश और पृथ्वी मिट जाएँगे: बाइबल की दूसरी आयतों से पता चलता है कि आकाश और पृथ्वी हमेशा रहेंगे। (उत 9:16; भज 104:5; सभ 1:4) इसलिए कहा जा सकता है कि यीशु अतिशयोक्ति अलंकार का इस्तेमाल कर रहा था, जिसका मतलब है कि भले ही नामुमकिन घटना हो जाए यानी आकाश और पृथ्वी मिट जाएँ, मगर यीशु की बात पूरी होकर रहेगी। (मत 5:18 से तुलना करें।) लेकिन लगता है कि यहाँ लाक्षणिक आकाश और पृथ्वी की बात की गयी है, जिन्हें प्रक 21:1 में “पुराना आकाश और पुरानी पृथ्वी” कहा गया है।
मेरे शब्द कभी नहीं मिटेंगे: या “मेरे शब्द किसी भी हाल में नहीं मिटेंगे।” यहाँ यूनानी में क्रिया के साथ दो शब्द इस्तेमाल हुए जिसका मतलब है, “नहीं-नहीं।” यह दिखाता है कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि यीशु की कही बात पूरी न हो। इस तरह इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि यीशु ने जो कहा वह पूरा होकर ही रहेगा।
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