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मरकुस अध्ययन नोट—अध्याय 13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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जागते रहो: यूनानी शब्द का बुनियादी मतलब है, “जागते रहना।” मगर कई जगहों पर इसका मतलब है, “सावधान रहना; चौकन्ना रहना।” इस आयत के अलावा मरकुस ने यह शब्द मर 13:34, 37; 14:34, 37, 38 में इस्तेमाल किया।—मत 24:42; 26:38; मर 14:34 के अध्ययन नोट देखें।
दिन ढलने पर: यूनानियों और रोमियों के मुताबिक शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक, रात को चार पहरों में बाँटा जाता था और हर पहर करीब तीन घंटे का होता था। (इसी आयत में आगे के अध्ययन नोट भी देखें।) पहले इब्री लोग रात को तीन पहरों में बाँटते थे और हर पहर करीब चार घंटे का होता था। (निर्ग 14:24; न्या 7:19) लेकिन यीशु के दिनों तक इस मामले में उन्होंने रोमी तरीका अपना लिया था। यहाँ “दिन ढलने पर” का मतलब है, रात का पहला पहर यानी सूरज ढलने से लेकर करीब 9 बजे तक।—मत 14:25 का अध्ययन नोट देखें।
आधी रात को: यूनानियों और रोमियों के मुताबिक, यह रात का दूसरा पहर था यानी करीब 9 बजे से आधी रात तक।—इसी आयत में दिन ढलने पर अध्ययन नोट देखें।
मुर्गे के बाँग देने के वक्त: यूनानियों और रोमियों के मुताबिक, यह रात का तीसरा पहर था यानी आधी रात से करीब 3 बजे तक। (इसी आयत में पहले के अध्ययन नोट देखें।) मुमकिन है कि इसी दौरान ‘मुर्गा बाँग देता था।’ (मर 14:72) पुराने ज़माने में और आज भी भूमध्य सागर के पूर्वी देशों में मुर्गे के बाँग देने से समय का पता लगाया जाता है।—मत 26:34; मर 14:30, 72 के अध्ययन नोट देखें।
सुबह: यूनानियों और रोमियों के मुताबिक, यह रात का चौथा पहर था यानी करीब 3 बजे से सूरज निकलने तक।—इसी आयत में पहले के अध्ययन नोट देखें।
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