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लूका 1:46नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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46 तब मरियम ने कहा: “मैं यहोवा का गुणगान करती हूँ
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दुनिया के लिए सच्ची रौशनीयीशु की ज़िंदगी—एक अनोखी दास्तान—वीडियो गाइड
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मरियम यहोवा का गुणगान करती है (यीशु की ज़िंदगी 1 21:14–24:00)
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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 1पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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तब मरियम ने कहा: आयत 46-55 में मरियम ने परमेश्वर की तारीफ करते वक्त या तो सीधे तौर पर या दूसरे तरीके से इब्रानी शास्त्र की 20 से भी ज़्यादा आयतों की बातें कहीं! उदाहरण के लिए, उसके कहे बहुत-से शब्द, शमूएल की माँ हन्ना की प्रार्थना से मिलते-जुलते हैं, जिसे भी यहोवा की आशीष से एक बच्चा हुआ था। (1शम 2:1-10) दूसरे उदाहरण हैं: भज 35:9; हब 3:18; यश 61:10 (आय. 47); उत 30:13; मला 3:12 (आय. 48); व्य 10:21; भज 111:9 (आय. 49); अय 12:19 (आय. 52); भज 107:9 (आय. 53); यश 41:8, 9; भज 98:3 (आय. 54); मी 7:20; यश 41:8; 2शम 22:51 (आय. 55)। मरियम के शब्द दिखाते हैं कि वह परमेश्वर के साथ अपने रिश्ते को कितनी अहमियत देती थी और उसे शास्त्र का कितना ज्ञान था। उसके शब्दों से उसकी एहसानमंदी भी झलकती है। इसके अलावा, जब उसने कहा कि यहोवा घमंडियों और अधिकार रखनेवालों को नीचे गिराता है और दीन-हीनों और गरीबों की मदद करता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें, तो इन शब्दों से उसके मज़बूत विश्वास का भी पता चलता है।
मैं यहोवा का गुणगान करती हूँ: या “मैं यहोवा की महानता की तारीफ (का ऐलान) करती हूँ।” मरियम की यह बात, इब्रानी शास्त्र में भज 34:3 और 69:30 में लिखी बातों से मिलती-जुलती है। इन्हीं आयतों में या फिर इनके आगे-पीछे की आयतों में परमेश्वर का नाम दिया गया है। (भज 69:31) सेप्टुआजेंट में इन आयतों में “गुणगान” के लिए वही यूनानी शब्द (मेगालीनो) इस्तेमाल हुआ है जो लूक 1:46 में हुआ है।—इसी आयत में तब मरियम ने कहा पर अध्ययन नोट साथ ही, लूक 1:6, 25, 38 के अध्ययन नोट और अति. ग3 परिचय; लूक 1:46 देखें।
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