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लूका 14:26नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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26 “अगर कोई मेरे पास आता है और अपने पिता और माँ और पत्नी और बच्चों और भाइयों और बहनों, यहाँ तक कि अपनी जान से नफरत नहीं करता, तो वह मेरा चेला नहीं बन सकता।
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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 14पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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नफरत: बाइबल में शब्द “नफरत” के कई मतलब हैं। एक मतलब है, दुश्मनी जिस वजह से एक इंसान दूसरे का नुकसान करने की सोचता है। दूसरा मतलब है, किसी व्यक्ति या चीज़ को ज़रा भी पसंद न करना या इतनी घृणा करना कि उससे पूरी तरह दूर रहना। या फिर “नफरत” का मतलब किसी को कम प्यार करना भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, जब याकूब के बारे में कहा गया कि वह राहेल से प्यार करता है और लिआ से “नफरत,” तो उसका मतलब था कि वह लिआ से ज़्यादा राहेल से प्यार करता है। (उत 29:31, फु.; व्य 21:15, फु.) प्राचीन यहूदी लेखों में भी यह मतलब देने के लिए “नफरत” शब्द इस्तेमाल हुआ है। इसलिए यीशु के कहने का मतलब यह नहीं था कि उसके चेलों को अपने परिवारवालों से और खुद से नफरत करनी चाहिए। ऐसा करना तो बाइबल की दूसरी आयतों में दिए सिद्धांतों के खिलाफ होता। (मर 12:29-31; इफ 5:28, 29, 33 से तुलना करें।) इसलिए इस संदर्भ में शब्द “नफरत नहीं करता” का अनुवाद “कम प्यार नहीं करता” भी किया जा सकता है।
जान: यूनानी शब्द साइखी का मतलब संदर्भ के मुताबिक अलग-अलग होता है। यहाँ इसका मतलब है, एक इंसान का जीवन। इसलिए यीशु के कहने का मतलब था कि एक सच्चे चेले को अपने जीवन से ज़्यादा यीशु से प्यार करना चाहिए, इतना कि उसे अपनी जान तक देने के लिए तैयार होना चाहिए।—शब्दावली में “जीवन” देखें।
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