फुटनोट
b हमारे जून ८, १९८९ के अंग्रेज़ी अंक में लेख “युवा लोग पूछते हैं . . . मैं मौखिक दुर्व्यवहार का सामना कैसे करूँ?” देखिए। अक्तूबर २२, १९९६ की सजग होइए! (अंग्रेज़ी) में “चोट पहुँचानेवाली बातों से घाव भरनेवाली बातों तक” श्रंखला भी देखिए।
b हमारे जून ८, १९८९ के अंग्रेज़ी अंक में लेख “युवा लोग पूछते हैं . . . मैं मौखिक दुर्व्यवहार का सामना कैसे करूँ?” देखिए। अक्तूबर २२, १९९६ की सजग होइए! (अंग्रेज़ी) में “चोट पहुँचानेवाली बातों से घाव भरनेवाली बातों तक” श्रंखला भी देखिए।