फुटनोट
e विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि जिन घरों में पिस्तौल या ऐसी दवाइयाँ होती हैं, जिन्हें ज़्यादा लेने से जान जा सकती है, उन घरों में रहनेवालों की खुदकुशी करने की गुंजाइश ज़्यादा होती है। आत्म-हत्या रोकने के लिए बनायी गयी अमरीकी संस्थान (ए.एफ.एस.पी.) कहती है: “रिपोर्ट के मुताबिक, ज़्यादातर लोग ‘सुरक्षा’ या ‘खुद के बचाव’ के लिए अपने घर में पिस्तौल रखते हैं। मगर देखा गया है कि ऐसे घरों में जिन लोगों की मौत होती है, उनमें से 83 प्रतिशत खुद को गोली मारकर आत्म-हत्या करते हैं। और अकसर ये लोग पिस्तौल के मालिक नहीं, बल्कि घर के दूसरे सदस्य होते हैं।”