फुटनोट
a मसीही यूनानी शास्त्र या ‘नए नियम’ में, जिन आयतों में शब्द “प्रेम” आता है, उनमें से ज़्यादातर आयतों में “प्रेम” यूनानी शब्द अघापि का अनुवाद है। अघापि प्यार दिखाने का चुनाव, एक इंसान अपनी मरज़ी से करता है। वह समझता है कि उसे दूसरों से प्यार इसलिए करना चाहिए, क्योंकि यह अच्छा व्यवहार माना जाता है, यह उसका फर्ज़ है और ऐसा करना बिलकुल मुनासिब है। लेकिन ऐसा नहीं कि यह प्यार सिर्फ दिमाग से किया जाता है, इसमें स्नेह और गहरी भावनाएँ भी शामिल होती हैं।—1 पतरस 1:22.