फुटनोट
d अगर फिर भी आपको ऐसे खयाल सताते हैं, तो आपके मम्मी-पापा में से जो जीवित हैं, उनसे या किसी बड़े से बात कीजिए। हो सकता है, समय के गुज़रते आपमें से दोष की भावना जाती रहे।
d अगर फिर भी आपको ऐसे खयाल सताते हैं, तो आपके मम्मी-पापा में से जो जीवित हैं, उनसे या किसी बड़े से बात कीजिए। हो सकता है, समय के गुज़रते आपमें से दोष की भावना जाती रहे।