फुटनोट
a इस्लाम के मुताबिक, बाइबल तीन किताबों से मिलकर बनी है। और ये तौरेत, ज़बूर और इंजील हैं। क़ुरान की करीब 64 आयतें साफ़-साफ़ बताती हैं कि ये तीनों किताबें ख़ुदा का कलाम हैं और इन्हें पढ़ना और उसके कवानिनों पर चलना ज़रूरी है। कुछ लोग तौरेत, ज़बूर और इंजील की किताबों पर शक करते हैं। वो कहते हैं कि इसमें लिखी हुई बातों को बदल दिया गया है। ऐसा कहना दरअसल ना सिर्फ क़ुरान के लफ्ज़ों को नज़रअंदाज़ करना होगा बल्कि ये भी दावा करना होगा कि ख़ुदा अपने कलाम को महफ़ूज़ नहीं रख सकता है।
अगर बताया न गया हो, तो बाइबल के सभी हवाले उर्दू रिवाइज़ड वर्शन से हैं।