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फुटनोट

c फरीसी मानते थे कि निचले दर्जे के ये लोग “स्रापित” थे, जिन्हें व्यवस्था की कोई जानकारी नहीं थी। (यूहन्‍ना 7:49) उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को न तो कोई शिक्षा देनी चाहिए, न उनके साथ व्यापार करना चाहिए, न ही भोजन करना चाहिए और न ही उनके साथ प्रार्थना करनी चाहिए। उनके मुताबिक इनमें से किसी के साथ अपनी बेटी को ब्याहना, उसे जंगली जानवरों के आगे बेसहारा छोड़ देने से भी बदतर है। उनका मानना था कि ऐसे लोगों के लिए तो पुनरुत्थान की आशा भी नहीं है।

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