फुटनोट
b कुछ अनुवादों में यहाँ कहा गया है कि जो परमेश्वर के लोगों को छूता है वह उसकी ही यानी इस्राएल की आँख को, न कि परमेश्वर की आँख को छूता है। यह गलती कुछ शास्त्रियों ने की थी, जिन्हें लगता था कि ये शब्द परमेश्वर के लिए श्रद्धा की कमी दिखाते हैं और इसलिए उन्होंने इसमें फेरबदल की। उनकी इस गलत सोच से यह बात छिप गयी कि हमारे लिए यहोवा की हमदर्दी कितनी गहरी है।