फुटनोट
c यहूदियों को हर साल दो द्राख्मा मंदिर के कर के रूप में देने पड़ते थे, जो लगभग दो दिन की मज़दूरी के बराबर थे। एक किताब कहती है: “कर में मिले पैसे से रोज़ाना चढ़ायी जानेवाली होमबलि और लोगों के नाम से चढ़ाए जानेवाले सभी बलिदानों का खर्चा उठाया जाता था।”