फुटनोट
a उस दिन यीशु पर दो बार थूका गया, पहले धर्म-गुरुओं ने और फिर रोमी सैनिकों ने। (मत्ती 26:59-68; 27:27-30) इतनी ज़िल्लत सहने पर भी उसने किसी पर कोई दोष नहीं लगाया। और इस तरह भविष्यवाणी के ये शब्द पूरे किए: “अपमानित होने और उनके थूकने से मैं ने मुंह न छिपाया।”—यशायाह 50:6.