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फुटनोट

e ईसवी सन्‌ 49 में जब प्रेषित और प्राचीन इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि गैर-यहूदियों को मूसा का कानून मानना चाहिए या नहीं, तो वहाँ “फरीसियों के गुट के कुछ लोग [मौजूद थे], जो विश्‍वासी बन गए थे।” (प्रेषि. 15:5) ज़ाहिर है, मसीही बनने के बाद भी उनकी पहचान इस बात से होती थी कि वे पहले फरीसी गुट के थे।

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