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b यह गौर करने लायक है कि न तो न्यू साइंटिस्ट पत्रिका का वह लेख, न ही बापटिस्ट और रोज़, विकासवाद के सिद्धांत को गलत साबित करना चाहते हैं। वे सिर्फ यह बताना चाहते हैं कि डार्विन ने विकासवाद के सिद्धांत को समझाने के लिए जो मुख्य आधार लिया यानी जीवन के पेड़ की व्याख्या, उसका अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसे वैज्ञानिक विकासवाद को साबित करने के लिए आज भी नए-नए तरीके ढूँढ़ रहे हैं।

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