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फुटनोट

a वह ‘धीमी आवाज़ जिसमें नरमी थी’ शायद उसी स्वर्गदूत की रही होगी जिसने 1 राजा 19:9 में बताया “यहोवा का संदेश” एलियाह को दिया था। आयत 15 में उस स्वर्गदूत को सिर्फ “यहोवा” कहा गया है। इससे शायद हमें उस स्वर्गदूत का ध्यान आए जिसके ज़रिए यहोवा ने वीराने में इसराएलियों को रास्ता दिखाया था और जिसके बारे में उसने कहा, “वह मेरे नाम से तुम्हारे पास आता है।” (निर्ग. 23:21) हम यह दावे के साथ तो नहीं कह सकते कि वह स्वर्गदूत यीशु था, लेकिन गौरतलब है कि यीशु धरती पर आने से पहले “वचन” के तौर पर सेवा करता था। यानी वही खास तौर से यहोवा की तरफ से उसके सेवकों से बात करता था।​—यूह. 1:1.

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