फुटनोट
c लाक्षणिक मंदिर ई. 29 में वजूद में आया, जब यीशु का बपतिस्मा हुआ और उसने महायाजक के नाते सेवा करनी शुरू की थी। लेकिन यीशु के प्रेषितों की मौत के बाद धरती पर सदियों तक शुद्ध उपासना को नज़रअंदाज़ किया गया। फिर खासकर 1919 से शुद्ध उपासना बुलंद की जाने लगी और उसे उतनी अहमियत दी जाने लगी जितनी मिलनी चाहिए।